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Kullu Manali की कुछ रोचक बातें तथा कुल्लू मनाली का इतिहास

कुल्लू (Kullu -Manali) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य का एक शहर है। तथा प्राचीन काल से ही इसका समृद्ध इतिहास रहा है।

Pm Modi


Kullu Manali का पुराना इतिहास

स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, कुल्लू पर कभी शक्तिशाली और महान राजा, राजा बलि का शासन था। इस शहर को 'कुलंथपीठ' के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है रहने योग्य दुनिया का अंत। ऐसा माना जाता था कि स्वर्ग जाने से पहले यह देवताओं का अंतिम गंतव्य था। यह शहर (Kullu-Manali) तिब्बत, लद्दाख और भारत के मैदानी इलाकों के बीच व्यापार मार्ग पर ही अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण प्राचीन भारत में व्यापार और वाणिज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी था।


17वीं सदी में कुल्लू कांगड़ा के कटोच वंश के शासन में आ गया। इस समय के दौरान, शहर समृद्ध हुआ और इसकी संस्कृति और परंपराओं में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। और कटोच शासक कला के महान संरक्षक थे और उन्होंने कुल्लू में कई सुंदर मंदिरों और महलों का निर्माण करवाया। यह शहर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक रघुनाथ मंदिर है, जिसे 17वीं शताब्दी में राजा जगत सिंह ने बनवाया था।

Kullu Manali


19वीं शताब्दी में, कुल्लू को अंग्रेजों ने अपने भी औपनिवेशिक विस्तार के हिस्से के रूप में कब्जा कर लिया था। और कुल्लू को भी भारत के अन्य हिस्सों से ही जोड़ने के लिए अंग्रेजों ने शहर की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर ही महत्वपूर्ण प्रभाव डाला, सड़कों और पुलों का निर्माण किया गया था। तथा आजकल कुल्लू भुंतर का मौसम (kullu weather today) भी आजकल बहुत ज्यादा खराब हो रहा है।

1947 में  ही भारत को ब्रिटिश शासन से ही स्वतंत्रता मिलने के बाद, कुल्लू भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का हिस्सा बन गया। और तब से, शहर ने अपनी प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक खेलों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाने वाला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनकर बढ़ना और विकसित करना जारी रखा है।

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